वैसे तो बीएल और गे सीरीज़ को लोग एक ही समझते हैं, लेकिन दोनों में कुछ अन्तर हैं जिसके कारण ये अलग-अलग नामों से जानी जाती हैं ।
बी एल सीरीज़ या बॉय्ज़् लव सीरीज़, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, लड़कों के बीच प्यार और रोमान्स का धारावाहिक रूप है ।
और देखा जाए तो गे सीरीज़ भी कुछ कुछ ऐसा ही होता है । लेकिन गे सीरीज़ में पात्रों की उम्र कुछ अधिक होती है । यानी गे सीरीज़ के कैरेक्टर मैच्योर ज्यादा होते हैं ।
अब आप कहेंगे कि ये कैसे तय किया जाता है कि कितनी उम्र के ऊपर ये गे सीरीज़ होगी ।
तो देखिए ........... गे सीरीज़ तो वैसे दोनों ही हैं - बीएल भी और गे सीरीज़ भी । लेकिन जब वह बी एल सीरीज़ कहलाने लायक नहीं रहती तो उसे गे सीरीज़ कहना ही एक चारा रह जाता है । हा हा ।
वैसे कुछ लक्षण हैं या फीचर हैं जिनसे दोनों की बीच अन्तर दर्शक लोग स्वयं ही कर लेते हैं .............
1. बी एल सीरीज़ में चूँकि लड़के होते हैं न कि प्रौढ़ लोग, इसलिए इसके कैरेक्टर कॉलेज जाने वाले होते हैं । गे सीरीज़ में अक्सर कैरेक्टर कामकाजी होते हैं और उनकी उम्र बड़ी होती है ।
2. बी एल सीरीज़ के लड़के अभी अभी प्यार का मतलब समझे होते हैं, गे सीरीज़ में अक्सर वो प्यार का मतलब पहले ही जानते हैं ये हो सकता है कि गे का मतलब बाद में पता चले ।
3. बी एल सीरीज़ में अक्सर लड़के के कैरियर में बदलाव आते रहते हैं क्योंकि वो अभी लड़का ही है । गे सीरीज़ में उतार-चढ़ाव कैरियर के कम और इमोशन्स के ज्यादा होते हैं ।
4. बी एल सीरीज़ में एशियन यानी पूर्वी एशिया के लड़के ज्यादा होते हैं जबकि गे सीरीज़ पश्चिमी देशों में ज्यादा बनाई जाती है और वहीं के कैरेक्टर होते हैं । हालाँकि एशियन देश फिलीपीन्स में भी गे सीरीज़ ज्यादा दिखती है क्योंकि वो पश्चिम से प्रभावित है ।
5. बी एल सीरीज़ में दोनों लड़कों के पैरेन्ट्स भी मुख्य भूमिका निभाते हैं (अक्सर) क्योंकि वे अभी अभी वयस्क हुए होते हैं और उनसे पूछकर ही कदम उठाते हैं । जबकि गे सीरीज़ में दोनों पात्रों के आपसी संबंध पर ही ज्यादा फोकस रहता है ।
आशा है आपको इससे बीएल और गे सीरीज़ में अन्तर स्पष्ट हुआ होगा